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From timeless classics to up to date masterpieces, these Hindi fiction publications tend to be the best you will get your fingers on.
विषधर अब शांत स्वभाव का हो गया। वह किसी को काटना नहीं था।
Always adore your best Buddy. And take some time to choose your pals or business of mates. For the reason that this business with buddies will decide your actions toward the problem in everyday life.
राजा का दर्द – The Royal Toothache – Colouring and hygiene Hindi – The king on the jungle is aquiring a extremely unpleasant toothache, he asks one other animals for support but They can be all scared of him. Hopeless, he lies in soreness until eventually he achieved a little mouse. That even though how modest he …
उसकी मां अपने लंबे से सूंढ़ में लपेट कर चिंटू को जमीन पर ले आती है।
The narrative weaves alongside one another the life of assorted characters, reflecting the exclusive tapestry of Varanasi, in the ghats together the Ganges into the slim lanes pulsating with the town’s history. Using a combination of humour, satire, and social commentary, Kashi Ka Assi
In appreciate with all matters gradual and quiet, she will be able to typically be located looking for silent corners by using a glass of wine in here hand. Other enjoys contain little, inconsequential issues, like neatly tucked-in bedsheets and massive, substantial factors, like complete cheesecakes. She dreams of becoming a baker and crafting about foodstuff someday.
इमेज कैप्शन, राजेंद्र यादव संकलित इस किताब में उषा प्रियंवदा, कृष्णा सोबती, कमलेश्वर, रेणु और भीष्म साहनी की कहानियाँ संकलति हैं.
विशाल ने अगले ही दिन कवच को तालाब में छोड़कर आसपास घूमने लगा।
घसीटते -घसीटते वह अपने घर पहुंच गई। उसके मम्मी – पापा और भाई-बहनों ने देखा तो वह भी दौड़कर आ गए। टॉफी उठाकर अपने घर के अंदर ले गए।
उसके पानी से घर में साफ सफाई हुई। रसोई घर में खाना को ढकवा दिया। जिसके कारण मक्खियों को खाना नहीं मिल पाया।
इन्दुमती अपने बूढ़े पिता के साथ विंध्याचल के घने जंगल में रहती थी। जबसे उसके पिता वहाँ पर कुटी बनाकर रहने लगे, तब से वह बराबर उन्हीं के साथ रही; न जंगल के बाहर निकली, न किसी दूसरे का मुँह देख सकी। उसकी अवस्था चार-पाँच वर्ष की थी जबकि उसकी माता का परलोकवास किशोरीलाल गोस्वामी
ज्ञानरंजन ने अपनी 'घंटा' और 'बहिर्गमन' जैसी कहानियों के माध्यम से हिंदी कहानी लेखन को एक ऐसा नया गद्य दिया जिसकी मार और व्यंजना मध्यवर्गीय पात्रों के जीवन के तमाम विरोधाभासों को अभिव्यक्त करने का भाषिक हुनर कथाकारों को दिया.
" किरन अभी भोरी थी। दुनिया में जिसे भोरी कहते हैं, वैसी भोरी नहीं। उसे वन राधिका रमण प्रसाद सिंह